“आर्जुन: हाथी का शानदार सफर का अंत”

“आर्जुन: हाथी का शानदार सफर का अंत”-

परिचय: आर्जुन, मैसूरु दसरा का प्रमुख आकर्षण और एक शानदार हाथी, की मृत्यु ने एक अद्वितीय यात्रा को समाप्त कर दिया है। साकलेशपुर के पास हुई एक हाथी पकड़ने की कार्रवाई के दौरान हुई इस दुखद घटना ने वन्यजन के बीच अफसोस और चिंता उत्पन्न किया है।

Arjuna: The Elephant
Photo credit: Wikipedia

ख़बर: नौवें नवम्बर को बेलूर तालुक में नौ जंगली हाथियों पर रेडियो कॉलर्स लगाने की ऑपरेशन शुरू हुई थी, जिसमें आर्जुन जैसे पालतू हाथियों का सहयोग किया गया था। अब तक, विभाग ने दो टस्कर्स को स्थानांतरित करने और तीन महिला हाथियों पर रेडियो कॉलर्स लगाने में सफलता प्राप्त की है। इसके बावजूद, स्थानीय लोगों को हाथियों के समृद्धि के क्षेत्रों के बारे में सूचित किया जाता है ताकि मानव-हाथी संघर्ष से बचा जा सके।

अद्भुत यात्रा का समापन: मुख्यमंत्री सिद्दारामैया ने अपने एक पोस्ट में कहा, “अर्जुन की भव्य चाल ने मेरे जैसे लाखों लोगों की यादों में अज्ञेय छोड़ी है।” उनके शब्दों से साफ है कि आर्जुन ने सजीवता भरे लम्हों को बनाए रखा है और उसका चलन लोगों के दिलों में स्थायी रूप से बस गया है।

आर्जुन की मौत ने देखभालकर्ताओं और कर्मचारी सदस्यों को दुःखित कर दिया है, और इस शोकपूर्ण समय में साकलेशपुर के एक अस्पताल में भर्ती होने वाले वेनु जी की स्थिति भी चिंता का कारण बनी है। हाथियों के साथी और साकलेशपुर के लोग इस दुखद घटना से जुड़े हुए हैं और सरकार से सभी हाथियों को सुरक्षित स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं।

आर्जुन का इस सांविदानिक सफर ने हमें हाथी के साथ जुड़े अनगिनत पलों की याद दिलाई है और उसकी अद्वितीयता ने लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया है।

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